मैने जिंदगी को हारते देखा था
जब हौसले टूटने लगे 😅
हँसी को रुठ्ते देखा था
जब ख्वाब छूटने लगे 😁
महेज एक वक्त ही था
जो बदल रहा था 😃
मैने हालात बिघडते देखा था
जब उम्मीद मिटने लगे 🙂
मैने मंदीर सजते देखा था
जब हार बढ़ने लगे 😀
मैने दर्गापे चादर देखी थी
जब जरूरते बढ़ने लगे 😀
मैने बचपन की याद देखी थी
जब पैसे कमाने लगे 🤓
मैने गरीबी मेहसूस की
जब फुटपाथ चमकने लगे 😑
सूरज भी जाता था
जब दिन ढलने लगे 😅
नादानीया थी सबकुछ
बस एकही सबक था 😃
"जिंदगी अपने कंधोंपे चलती है
दूसरो के कंधोंपे तो जनाजे उठते है" 😀😀
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